तेरी कमी

तेरी कमी


ये जो बहारों में कुछ नमी सी है

ऐसा लगता है तेरी कमी सी है

कुम्हलाए से हैं फूल सभी

सबके मुखड़े पर एक उदासी सी है।

तेरे आने से खिल उठता है सारा चमन

तेरे जाने से बिखरी एक खामोशी सी है

भंवरे भी गाते हैं गीत कुछ अनमने से

चिड़ियों के चहचहे भी गुमसुम से हैं।

कितनी बेरंग, कितनी बेनूर ये दुनिया
मेरे जीवन में तेरे ना होने से खिजा है
तेरा आने से वाबस्ता है बहारों का आना
तेरे जाने से जान जाए मेरी जाने जाना।।

आभार – नवीन पहल – १५.०६.२०२३ 🌹🌹

# प्रतियोगिता हेतु 

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9 Comments

Abhinav ji

16-Jun-2023 08:00 AM

Very nice,👍

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बहुत ही सुंदर सृजन

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Punam verma

16-Jun-2023 12:46 AM

Very nice

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